हर वर्ष 11 मई को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस नई प्रौद्योगिकीय खोजों के इतिहास में एक अहम स्थान रखता है। वर्ष 1998 में इसी दिन पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण के बाद एक नये और परमाणु संपन्न देश के रूप में भारत का उदय हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारतीय वैज्ञानिकों एवं प्रौद्योगिकीविदों की इस सफलता के बाद ही ‘जय विज्ञान’ का नारा दिया था। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्यरत भारत सरकार के सांविधिक निकाय प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड द्वारा इस मौके पर नई स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के व्यवसायीकरण के लिए इस वर्ष तीन श्रेणियों के अंतर्गत 15 विजेताओं को राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।
जिन प्रौद्योगिकियों के लिए इस बार ये राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए हैं, उनमें टेम्पर्ड सोलर ग्लास उत्पादन प्रौद्योगिकी, टेक्सटाइल रिइन्फोर्स्ड कंक्रीट (टीआरसी), ताप नियंत्रित फार्मास्यूटिकल शिपिंग बॉक्स, डिजिटल रेडियो ब्रॉडकास्ट के लिए किफायती तकनीक, और जल की सतह के नीचे निरीक्षण से संबंधित प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। स्वदेशी प्रौद्योगिकी का सफलतापूर्वक विकास एवं व्यवसायीकरण करने वाली औद्योगिक इकाइयों, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और स्टार्टअप समेत तीन श्रेणियों के अंतर्गत ये पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। औद्योगिक समस्या से संबंधित नये स्वदेशी समाधान पेश करने एवं उसके व्यवसायीकरण के लिए इस बार दो औद्योगिक इकाइयों, और नई स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास तथा उसके व्यवसायीकरण के लिए तीन एमएसएमई इकाइयों एवं दस स्टार्टअप कंपनियों को यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।
औद्योगिक समस्या से संबंधित स्वदेशी समाधान पेश करने एवं उसके व्यवसायीकरण से संबंधित पुरस्कारों की प्रथम श्रेणी के अंतर्गत मुंबई की दो कंपनियों बोरोसिल रिन्यूएबल्स लिमिटेड और रैना इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है। बोरोसिल को दो मिलीमीटर मोटाई के टेम्पर्ड सोलर ग्लास उत्पादन की तकनीक विकसित करने के लिए पुरस्कृत किया गया है। जबकि, रैना इंडस्ट्रीज को यह पुरस्कार टेक्सटाइल रिइन्फोर्स्ड कंक्रीट से जुड़ी प्रौद्योगिकी के विकास के लिए दिया गया है। इस श्रेणी के तहत यदि प्रौद्योगिकी डेवलपर/प्रदाता और प्रौद्योगिकी का व्यवसायीकरण करने वाले दो अलग-अलग संगठन होते हैं, तो प्रत्येक को 25 लाख रुपये नकद और ट्रॉफी प्रदान की जाती है।
पुरस्कारों की एमएसएमई श्रेणी के अंतर्गत ताप नियंत्रित स्वदेशी फार्मास्यूटिकल शिपिंग बॉक्स ‘सेल्सर’ के लिए गुरुग्राम की कंपनी प्लस एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, डिजिटल ब्रॉडकास्ट रेडियो रिसेप्शन के लिए किफायती तकनीक विकसित करने वाली कोच्चि की इनटोट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, और जिंजरॉइड्स की उच्च मात्रा के लिए मानकीकृत अदरक के सत्त से बने पाउडर जिनफोर्ट को विकसित करने के लिए चेन्नई की कंपनी ओलीन लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड को पुरस्कृत किया गया है। एमएसएमई श्रेणी के तहत प्रत्येक विजेता को 15 लाख रुपये नकद और ट्रॉफी पुरस्कार के रूप में प्रदान किए जाते हैं।
स्टार्टअप श्रेणी के अंतर्गत जिन कंपनियों को यह पुरस्कार प्रदान किया गया है, उनमें खड़गपुर की प्रोफिशिएंट विजन्स सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, केरल की आईरोव टेक्नोलॉजीज, चेन्नई की फैबहेड ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड, भोपाल की प्लैबेलटेक प्राइवेट लिमिटेड, बेंगलूरू की ब्रेथ एप्लाइड साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड एवं थेरेनॉटिलस प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली की साइरन एआई सॉल्यूशन्स, पुणे की सिनथेरा बायोमेडिकल प्राइवेट लिमिटेड एवं नॉककेयर रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, और नागपुर की मल्टी नैनो सेन्स टेक्नोलॉजीज शामिल हैं। इन स्टार्टअप कंपनियों के विभिन्न प्रकार के स्वदेशी प्रौद्योगिकीय योगदान एवं उनके व्यवसायीकरण के लिए प्रत्येक को 15 लाख रुपये का नकद पुरस्कार एवं ट्रॉफी प्रदान की जाएगी। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर हर वर्ष ये पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा एक राष्ट्रीय स्तरीय कार्यक्रम के दौरान प्रदान किए जाते हैं। लेकिन, इस बार कोविड-19 महामारी के कारण किसी तरह का आयोजन न करते हुए पुरस्कारों की घोषणा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक वक्तव्य के माध्यम से की गई है। (इंडिया साइंस वायर)