युवा वैज्ञानिकों को अनुसंधान के लिए प्रोत्साहित करने और विज्ञान के क्षेत्र में नवोन्मेषी एवं रचनात्मक प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों के अंतर्गत फेलोशिप एवं पुरस्कार के रूप में युवाओं को प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है। विज्ञान के क्षेत्र में युवाओं को अनुसंधान कार्यों से जोड़ने के लिए दिये जाने वाले ये फेलोशिप एवं पुरस्कार नियमित सेवा से बाहर के वैज्ञानिकों को उनकी योग्यता और योजना की प्रकृति के आधार पर 31,000/- रुपये से लेकर 1,35,000/- रुपये प्रति माह तक की फेलोशिप के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं।
‘अनुप्रेरित अनुसंधान के लिए विज्ञान की खोज में नवाचार’ (इंस्पायर) फेलोशिप, इंस्पायर फ़ैकल्टी फेलोशिप, विज्ञान एवं इंजीनियरी अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) की नेशनल पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप (एन-पीडीएफ) एवं स्टार्ट-अप रिसर्च ग्रांट (एसआरजी), वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) की अनुसंधान फेलोशिप योजनाएं, रिसर्च असोसिएटशिप, अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं में परियोजना सहयोगी, डीबीटी का हरगोबिंद खुराना इनोवेटिव बायोटेक्नोलॉजिस्ट पुरस्कार इन प्रोत्साहन कार्यक्रमों में मुख्य रूप से शामिल हैं।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा यह जानकारी लोकसभा में प्रदान की गई है। डॉ सिंह ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018-19, वर्ष 2019-20, वर्ष 2020-21 और वर्तमान वर्ष के दौरान क्रमशः 1009.9 करोड़ रुपये, 1113.1 करोड़ रुपये, 1056.6 करोड़ रुपये और 724.7 करोड़ रुपये अनन्य रूप से युवा वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यक्रमों के लिए आवंटित किए गए हैं।
डॉ सिंह ने बताया कि इन योजनाओं को होनहार युवा शोधकर्ताओं की पहचान और उन्हें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अग्रणी क्षेत्रों में प्रशिक्षण तथा अनुसंधान के अवसर प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। ये योजनाएं उन्हें राष्ट्र हित में चुनौतीपूर्ण अनुसंधान समस्याओं पर काम करने वाले स्वतंत्र शोधकर्ताओं के रूप में विकसित होने का मंच प्रदान करती हैं। उन्होंने बताया कि वित्त पोषण में आसानी, त्वरित प्रतिक्रिया, आकर्षक फेलोशिप, सर्वोत्तम अनुसंधान अवसंरचना, ज्ञान संसाधन निकायों तक आसान पहुँच, मान्यता और निगरानी इन युवा वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यक्रमों की प्रमुख विशेषताएं हैं। इन कार्यक्रमों में आवेदन के लिए आयु सीमा अलग-अलग है और निर्धारित मापदंडों के अनुसार आयु सीमा में छूट भी प्रदान की जाती है। इंस्पायर फैकल्टी फेलोशिप (डीएसटी) के लिए अधितम आयु 42 वर्ष, युवा वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकीविद (डीएसटी) के लिए आयु सीमा 35 वर्ष, नेशनल पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप (एसईआरबी) के लिए 35 वर्ष, रामानुजन फेलोशिप (एसईआरबी) के लिए आयु सीमा 40 वर्ष, और उत्कृष्ट अनुसंधान के लिए टीचर एसोसिएटशिप (एसईआरबी) के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष है। जबकि, सीएसआईआर द्वारा प्रदान की जाने वाली फेलोशिप एवं एसोसिएटशिप के लिए आयु सीमा 28-40 वर्ष, रामालिंगास्वामी रि-एंट्री फेलोशिप (डीबीटी) के लिए ऊपरी आयु सीमा 45 वर्ष, और एम.के. भान-यंग रिसर्चर्स फेलोशिप (डीबीटी) के लिए ऊपरी आयु सीमा 35 वर्ष है।